कोरोना वारियर्स को प्रभावी सुरक्षा दे सरकार, तत्काल मदद के लिए जारी करें हैल्पलाइन नंबर


जयपुर. (संजीव शर्मा)। हाईकोर्ट ने देशभर सहित राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने में लगे हुए कोरोना वारियर्स के मामले में सरकार को उनके बचाव व सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है। साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करे कि इनके साथ किसी भी जगह पर कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटे।


सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस एसके शर्मा की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश मंगलवार को अधिवक्ता शालिनी श्योराण की पीआईएल पर दिया। अदालत ने कहा कि कोरोना वारियर्स कठिन समय में समाज की सेवा कर रहे हैं, ऐसे में सभी कोविड: 19 वारियर्स के लिए एक हैल्पलाइन नंबर जारी किया जाए। इससे वे किसी भी समय पुलिस या अन्य एजेंसी से तत्काल मदद प्राप्त कर सकें।


अदालत ने मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को रखते हुए सरकार से एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट देने के लिए कहा है। पीआईएल में कोविड: 19 के दौरान डॉक्टर्स, नर्स, पुलिसकर्मी, अन्य सुरक्षाकर्मियों, सर्वेयर व मीडियाकर्मियों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए हाईकोर्ट से आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का आग्रह किया था।


इसमें कहा था कि डॉक्टर्स, नर्स, चिकित्साकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार कोरोना संक्रमित व संभावित रोगियों का इलाज व सेवा कर रहे हैं। वहीं पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी, मीडियाकर्मी और सामाजिक संगठनों के लोग भी काम कर रहे हैं] लेकिन पिछले दिनों इन कोरोना वारियर्स के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार व काम में रुकावट सहित अन्य शिकायतें आई हैं। ऐसे में कोरोना वारियर्स को पुख्ता सुरक्षा एवं कानूनी संरक्षण की जरूरत है। वहीं कोरोना संक्रमिक, संभावित संक्रमिक, ट्रेवल हिस्ट्री सहित अन्य जान​कारियों का एक डाटा भी तैयार किया जाए।



टेली मेडिसन को बढ़ावा दिया जाए
पीआईएल में कहा कि आईएमसी एक्ट 1952 के तहत केंद्र सरकार ने 25 मार्च को टेली मेडिसन गाइडलाइन जारी की है। इससे टेलीफोन, मोबाइल और वीडियो कॉलिंग के जरिए डॉक्टर्स से उपचार का परामर्श लिया जा सके। इसका प्रसार-प्रसार कर ओपीडी को कम किया जा सकता है। कुछ डॉक्टर्स को केवल कोरोना वायरस पीडितों के इलाज के लिए ही नियुक्त करें ताकि अन्य सामान्य मरीज इससे प्रभावित नहीं हों।